Sunday, July 19, 2009

२६/११ ने बनाया... मुख्यमंत्री


मुंबई पर २६ नवम्बर को हुए आतंकी हमले में जहाँ करीब २०० लोगो की जानें गई... वहीं इसी हमले के चलते महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया था... राज्य के गृहमंत्री के बयान ने तो आतंकी हमले की आग में जैसे घी का काम किया था॥ और उस आग को बुझाने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को अपनी कुर्सी की बली देनी पड़ी थी... ये बाते सारी दुनिया जान चुकी है, लेकिन एक बात है जिस पर अभी तक पर्दा पड़ा हुआ था... और वो है... महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के इस कुर्सी तक पहुँचने का सच... कैसे और किसने बनाया उन्हें महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री.....

विलासराव देशमुख और आर आर पाटिल के इस्तीफे के बाद सबसे बड़ा सवाल था, कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा... मुंबई पर आतंकी हमले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का ताज कांटो से भरा था, लेकिन कुछ दिनों की माथा-पच्ची के बाद इस सवाल का जवाब मिला अशोक चव्हाण के रूप में, लेकिन अशोक चव्हाण कैसे बने मुख्यमंत्री...? किसने बनाया उन्हें महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री...? तो चलिए हम बता दे, कि अशोक चव्हाण को किसने बनाया महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री... अक्सर हम नेताओ के मुंह से सुनते है कि जनता के प्रेम ने उन्हें ये कुर्सी दिलाई है, लेकिन २६/११ के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने अशोक चव्हाण का कहना है कि "उन्हें २६/११ ने मुख्यमंत्री बनाया है... २६/११ के बाद लोगो के गुस्से के चलते विलासराव को इस्तीफा देना पड़ा और उसी के बाद उनके मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला, अगर २६/११ नही हुआ होता तो शायद मैं कभी मुख्यमंत्री नही बन पाता..." लाइनस ख़ुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कही है॥ दरसल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने ये बातें मुंबई में आम जनता के बीच उस वक्त कही जब वो जनता कि शिकायते सुनने के बाद उनका जवाब दे रहे थे... अशोक चव्हाण के इस बयान से ये साफ़ ज़ाहिर होता है कि अगर मुंबई पर २६/११ को आतंकवादी हमला नही हुआ होता, तो वो कभी भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नही बन पाते...

लेकिन अपने मुख्यमंत्री बनने का राज़ खोलते वक्त वो शायद ये भूल गए कि इस तरह मुख्यमंत्री बनने के बाद ऐसे बयान नही देने चाहिए... मुख्यमंत्री साहब को ये तो याद है कि वो कैसे मुख्यमंत्री बने, लेकिन वो शायद ये भूल गए है कि आर आर पाटिल कि कुर्सी कैसे गई थी... सिर्फ़ एक बयान ने आर आर पाटिल को अर्श से फर्श पर ला पटका था... मुंबई पर हमले के बाद उनके बयान " मुंबई जैसे बड़े शहर में ऐसा हो जाता है॥" ने उन्हें महाराष्ट्र के गृहमंत्री की कुर्सी से ज़मीन पर ला पटका था, हमारी तो मुख्यमंत्री महोदय से यही गुजारिश है, कि बयान दे तो जरा संभलकर क्योकि सियासत के इस खेल में एक बयान अगर आपको हीरो बना देता है, तो दूसरा आपको विलेन बना सकता है तो... बाबूजी राजनीति के इन गलियारों में जरा संभलकर चलना...

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